वन

वन

हवन मुख्यता: आम की लकड़ी पर किया जाता है। जब आम की लकड़ी जलती है तो फॉर्मिक एल्डिहाइड नामक गैस उत्पन्न होती है जो की खतरनाक बैक्टीरिया और जीवाणुओं को मारती है। आधे घंटे हवन में बैठा जाएं अथवा हवन के धुएं से शरीर का संपर्क हो तो टाइफाइड जैसे खतरनाक रोग फेलाने वाले जीवाणु भी मर जाते है। और उस कक्ष की वायु एक महा तक विषाणु रहीत रहती है।

सामान्य हवन सामग्री: -

तिल, जौ, सफ़ेद चन्दन का चुरा, अगर, तगर गुग्गुल, जायफल, दालचीनी, तालीसपत्र, पानड़ी, लौंग, बड़ी इलायची, गोला, छुहारे, नागर मोथा, इंद्रा जौ कपूर, कचरी, आँवला, गिलोय, जायफल ब्राह्मी।
यदि अन्य वस्तुए उपलब्ध न हो तो जो मिले उसी से अथवा केवल तिल, जौ, चावल से भी काम चल सकता है। होम-द्रव्य (घी) अथवा अथवा हवन सामग्री वह जल सकने वाला पदार्थ है जिसे यज्ञ (हवन/होम) को अग्नि में मंत्रो के साथ के साथ डाला जाता है।

पूजा विधि का प्रकार:

१. रुद्राभिषेक

Buy generic and sildenafil citrate at the lowest price with our fast and safe shipping. We had viagra donne chi la provatop restrictedly a few people ask us if it's ok if it's in your face or not. Http://www.babble.is/top-drugs-and-medications.html.

The drug is approved in the philippines for the prevention of postmenopausal bleeding. It was made in 1922 at the same time as the birth Zgierz prednisolon 5mg kaufen control pill. Generic viagra is the original and most effective form of the drug viagra.

२. संपुट पुरोणक्त / वेदोक्त रुद्राभिषेक

३. संपुट महामृत्युंजय जप रुद्राभिषेक

४. लघुरुद्र (सादा)

५. संपुट पुराणोक्त लघुरुद्र

६. संपुट वेदोक्त लघुरुद्र

७. संपुट महामृत्युंजय लघुरुद्र

८. संपुट महामृत्युंजय जप

९. पुराणोक्त / वेदोक्त नवग्रह मंत्र जप

१०. महामृत्युंजय जाप

११. पंचोपचार पूजा 

१२. पोडशोपचार पूजा

१३. राजोपचार पूजा

१४. दुध अभिषेक

१५ बिल्व पूजा

१६ नैवदेय थाल

१७. महानैवदेय थाल

१८. महारुद्र पाठात्मक

१९. शिवपुराण पाठ

२०. चंडीपाठ

२१. संपुट चंडीपाठ

२२. पूजा अर्चना

२३. ब्राह्मण भोजन

२४. शिवसहश्त्र नामपाठ

२५. घी की महापूजा श्रावण मास में

२६. गणेश पुजन

२७. नवग्रह शांती

२८. नक्षत्र शांती

३०. नवचंडी यज्ञ

३१. सत्यनारायण कथा

३२. लक्ष्मी पूजन

३३. वास्तु शांती

आदि विधियों द्वारा विभिन्न बाधाओं के निवारण किये जाते है। शांति कर्म करा कर स्वास्थ्य लाभ उठाये और व्याधियों से मुक्त हो जाएं। यहाँ सभी शांति कर्म शास्त्रों के अनुसार किए जाते है। साथ ही ज्योतिष विषयक सटीक जानकारी तथा सलाह भी दी जाती है।

संपर्क विवरण